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स्ट्रोक: सिर्फ हीट स्ट्रोक ही नहीं, ब्रेन स्ट्रोक भी बढ़ता तापमान का कारण हो सकता है, स्टडी के परिणाम

  स्ट्रोक: सिर्फ हीट स्ट्रोक ही नहीं, ब्रेन स्ट्रोक भी बढ़ता तापमान का कारण हो सकता है, स्टडी के परिणाम न्यू दिल्ली: गर्मी का मौसम अभी शुरू ही हुआ है और उच्च तापमान की वजह से लगता है कि आग के गोले बरस रहे हैं। जलवायु में परिवर्तन (Climate Change) की वजह से वातावरण में कई बदलाव हो रहे हैं, जो हमारे जीवन पर बहुत बुरा प्रभाव डालते हैं. गर्मी का ऐसा प्रकोप कोई मामूली बात नहीं है। हाल ही में एक अध्ययन ने जलवायु परिवर्तन का हमारे स्वास्थय पर क्या प्रभाव पड़ सकता है, इस बारे में बताया है। हम आज आपको बढ़ते तापमान के बारे में एक अध्ययन बताने वाले हैं। स्टडी क्या कहती है? जलवायु परिवर्तन से तापमान बढ़ता है, जो सेहत को काफी नुकसान पहुंचाता है। जलवायु परिवर्तन से स्ट्रोक के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है, यह हाल ही में जर्नल न्यूरोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन ने बताया है। इस अध्ययन में लगभग 204 देशों के तापमान में बदलाव और स्ट्रोक के मामलों के डाटा का विश्लेषण किया गया था. पता चला कि स्ट्रोक और प्रतिकुल तापमान में काफी गहरी संबंध है। स्ट्रोक: सिर्फ हीट स्ट्रोक ही नहीं, ब्रेन स्ट्रोक भी बढ़ता तापम...

health: उम्र के हिसाब से कितना कैल्शियम प्रतिदिन खाना चाहिए? शरीर में कमी होने पर पांच समस्याएं सामने आती हैं,अनदेखी न करें

  

health: उम्र के हिसाब से कितना कैल्शियम प्रतिदिन खाना चाहिए? शरीर में कमी होने पर पांच समस्याएं सामने आती हैं,अनदेखी न करें

calcium deficiency के लक्षण हैं: हमारे शरीर में कैल्शियम नामक एक मिनरल है जो हड्डियों और दांतों के निर्माण के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। यह दिल और शरीर के अन्य मांसपेशियों को भी मजबूत बनाता है।

हेल्थलाइन के अनुसार, शरीर में कैल्शियम की कमी होने से ऑस्टियोपोरोसिस, ऑस्टियोपेनिया और हाइपोकैल्सीमिया का खतरा बढ़ सकता है।

बच्चों को पर्याप्त कैल्शियम नहीं मिलता तो उनका ग्रोथ खराब हो जाता है। इसलिए, कैल्शियम रिच फूड को अपनी डाइट में पर्याप्त मात्रा में शामिल करना महत्वपूर्ण है। नेशनल इंस् टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार, हर उम्र में अलग-अलग मात्रा में कैल्शियम की आवश्यकता होती है। 

महीने के बच्चे को प्रतिदिन 200 mg कैल्शियम की जरूरत होती है, जबकि 7 से 12 महीने के बच्चों को 260 mg की जरूरत होती है। 1 से 3 साल के बच्चों को 700 mg की आवश्यकता होती है और 4 से 8 साल के बच्चों को 1000 mg की आवश्यकता होती है।

इसके अलावा, 9 से 18 साल की उम्र की लड़कियों और लड़कों को प्रतिदिन 1300 मिलीग्राम कैल्शियम की आवश्यकता होती है। 19 से 50 साल के उम्र वालों को हर दिन 1000 mg कैल्शियम लेना चाहिए।

50 से 70 साल के पुरुषों को हर दिन 1000 मिलीग्राम कैल्शियम की जरूरत होगी, जबकि महिलाओं को 1200 मिलीग्राम की जरूरत होगी। जबकि इसके बाद की उम्र के पुरुष और महिलाओं को रोजाना 1200 mg कैल्शियम की कमी को पूरा करना जरूरी होता है.

Hypocalcemia में शरीर में कई परिवर्तन होते हैं। याददाश्त की कमी, कंफ्यूजन, हाथ पैर सुनना, झुनझुनी लगना, अवसाद, बुरा सपना आना, मांसपेशी में ऐंठन, नाखून टूटना और बोन्स फ्रैक्चर होना इसके लक्षण हैं।

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